शीशम का पेड़ इमारतों और फर्नीचर में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसके कई औषधीय लाभ भी हैं।
शीशम एक स्वस्थ पेड़ है और पूरे भारत में पाया जाता है। बेशक यह एक आम पेड़ होता है लेकिन इसके कई उपयोग और स्वास्थ्य गुण हैं।
शीशम प्रकृति में कड़वा, जोरदार और कसैला है। यह पौधा आंतरिक रूप से गर्म है और सूजन का इलाज करता है। अब हम शीशम पेड़ के औषधीय लाभों के बारे में बात करेंगे।
यकीनन इसके लाभों को पढ़ने के बाद आप इस पेड़ से प्यार करेंगे। चलिए जानते हैं इस पेड़ के तेल से आपको क्या-क्या स्वास्थ्य फायदे होते हैं।
1) त्वचा संबंधी परेशानियों के लिए
1.स्वीट ऑयल में इस पेड़ के कुछ पत्तों के मिलाएं।
2.इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
3.रोगी को इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार 50-100 मिलीलीटर मात्रा में दें।
4.यह प्रभावी रूप से फोड़े और अल्सर को ठीक करता है।
2) साइटिका के इलाज के लिए
1.इसकी मोटी छाल का 10 किलो पाउडर लें और 23।5 लीटर पानी में उबाल लें।
2.जब तक पानी 1।8 हिस्सा ना हो जाए, तब तक उबाल लें।
3.एक कपड़े के माध्यम से मिश्रण को छान लें और इसे मोटा होने तक फिर पकाएं।
4.इस मोटे तरल को घी या दूध के साथ यानी 10 ग्राम मात्रा में एक दिन में तीन बार लें।
5.21 दिनों के लिए खुराक जारी रखें।
3) बुखार के लिए
1.किसी भी प्रकार के बुखार में, 320 मिलीलीटर पानी और 160 मिलीलीटर दूध में इसका 20 ग्राम रस मिक्स करें।
2.इसे अच्छी तरह उबाल लें।
3.एक दिन में तीन बार रोगी को इसे दो।
4) अल्सर के लिए
1.प्रभावित हिस्से पर शीशम के तेल लगाएं।
2.इससे खुजली, उत्तेजना और अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है।
5) मासिक धर्म चक्र में रक्तस्राव के लिए
1.8-10 शीशम पत्ते लें और उन्हें 25 ग्राम चीनी के साथ पीस लें।
2.रोगी को दिन में दो बार दो।
3.कुछ दिनों के भीतर, यह रक्तस्राव को सामान्य करता है।
शीशम एक स्वस्थ पेड़ है और पूरे भारत में पाया जाता है। बेशक यह एक आम पेड़ होता है लेकिन इसके कई उपयोग और स्वास्थ्य गुण हैं।
शीशम प्रकृति में कड़वा, जोरदार और कसैला है। यह पौधा आंतरिक रूप से गर्म है और सूजन का इलाज करता है। अब हम शीशम पेड़ के औषधीय लाभों के बारे में बात करेंगे।
यकीनन इसके लाभों को पढ़ने के बाद आप इस पेड़ से प्यार करेंगे। चलिए जानते हैं इस पेड़ के तेल से आपको क्या-क्या स्वास्थ्य फायदे होते हैं।
1) त्वचा संबंधी परेशानियों के लिए
1.स्वीट ऑयल में इस पेड़ के कुछ पत्तों के मिलाएं।
2.इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
3.रोगी को इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार 50-100 मिलीलीटर मात्रा में दें।
4.यह प्रभावी रूप से फोड़े और अल्सर को ठीक करता है।
2) साइटिका के इलाज के लिए
1.इसकी मोटी छाल का 10 किलो पाउडर लें और 23।5 लीटर पानी में उबाल लें।
2.जब तक पानी 1।8 हिस्सा ना हो जाए, तब तक उबाल लें।
3.एक कपड़े के माध्यम से मिश्रण को छान लें और इसे मोटा होने तक फिर पकाएं।
4.इस मोटे तरल को घी या दूध के साथ यानी 10 ग्राम मात्रा में एक दिन में तीन बार लें।
5.21 दिनों के लिए खुराक जारी रखें।
3) बुखार के लिए
1.किसी भी प्रकार के बुखार में, 320 मिलीलीटर पानी और 160 मिलीलीटर दूध में इसका 20 ग्राम रस मिक्स करें।
2.इसे अच्छी तरह उबाल लें।
3.एक दिन में तीन बार रोगी को इसे दो।
4) अल्सर के लिए
1.प्रभावित हिस्से पर शीशम के तेल लगाएं।
2.इससे खुजली, उत्तेजना और अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है।
5) मासिक धर्म चक्र में रक्तस्राव के लिए
1.8-10 शीशम पत्ते लें और उन्हें 25 ग्राम चीनी के साथ पीस लें।
2.रोगी को दिन में दो बार दो।
3.कुछ दिनों के भीतर, यह रक्तस्राव को सामान्य करता है।