इस दौड़ती-भागती जीवनशैली में कुछ लोग आदतन तो कुछ लोग लापरवाही के कारण नाश्ता छोड़ देते है। यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि नाश्ता छोड़ने वाले लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस नामक बीमारी का खतरा हो सकता है। इस बीमारी में धमनियां कड़ी हो जाती हैं और उनकी दीवार पर वसा, कोलेस्ट्राल व कैल्सियम से बना प्लाक जमा हो जाता है। प्लाक जमने से रक्त का प्रवाह बाधित होता है जिससे हृदयाघात का खतरा भी बढ़ जाता है।
अध्ययन में सामने आया कि पोषक नाश्ता करने वाले लोग अधिक स्वस्थ होते हैं और उनका वजन भी संतुलित रहता है। नाश्ता छोड़ने के साथ ही नाश्ते में कम पोषक तत्व लेने वाले लोगों में भी एथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी का खतरा हो सकता है।
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 4,000 से अधिक लोगों की जांच की। यह शोध अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने इनके आहार पर जानकारी एकत्र की, जिन्हें कोई हृदय अथवा क्रोनिक बीमारी नहीं थी।
अध्ययन के प्रतिभागियों को कम्प्यूटरीकृत प्रश्नावली भरने के लिए कहा गया, फिर शोधकर्ताओं ने नाश्ते से मिलने वाली कुल दैनिक ऊर्जा का पता लगाया।
प्रतिभागियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया था। पहला जो सुबह में अपनी ऊर्जा का सेवन का पांच प्रतिशत से कम का उपभोग करते हैं (जो नाश्ता छोड़ते हैं और केवल कॉफी या अन्य पेय पदार्थ पीते हैं), दूसरा जो सुबह में अपनी ऊर्जा का सेवन 20 प्रतिशत से अधिक खाते हैं (जो एक हेल्दी नाश्ते खाते हैं) और तीसरा जो सुबह में अपने दैनिक खपत के पांच से 20 प्रतिशत (कम ऊर्जा वाला नाश्ता) करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 69.4 प्रतिशत प्रतिभागियों को नाश्ते से कम ऊर्जा मिली, जबकि 27.7 प्रतिशत हेल्दी नाश्ता करते थे और केवल 2.9 प्रतिशत नाश्त्ता छोड़ देते थे।
वैज्ञानिकों ने कहा, 'नाश्ता छोड़ने वाले लोगों में मोटापे के साथ ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज के स्तर में कमी और ब्लड लिपिड (रक्त में वसा) की समस्या भी हो सकती है।' माउंट सिनाई हार्ट इंस्टीट्यूट के वालेंटिन फस्टर ने कहा, 'नाश्ता ना करना ऐसी बुरी आदत है जिसे छोड़कर इंसान बहुत ही सेहतमंद जीवन जी सकता है। सुबह पोषक नाश्ता करने से इंसान को हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम रहता है।' ग्लासगो विश्वविद्यालय में मेटाबोलिक मेडिसिन के प्रोफेसर नवीन सत्ते, अध्ययन में शामिल नहीं थे लेकिन उनका मानना है कि निष्कर्ष नाश्ता और बीमारी को छोड़ने के बीच का संबंध साबित नहीं करता है।
अध्ययन में सामने आया कि पोषक नाश्ता करने वाले लोग अधिक स्वस्थ होते हैं और उनका वजन भी संतुलित रहता है। नाश्ता छोड़ने के साथ ही नाश्ते में कम पोषक तत्व लेने वाले लोगों में भी एथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी का खतरा हो सकता है।
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 4,000 से अधिक लोगों की जांच की। यह शोध अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने इनके आहार पर जानकारी एकत्र की, जिन्हें कोई हृदय अथवा क्रोनिक बीमारी नहीं थी।
अध्ययन के प्रतिभागियों को कम्प्यूटरीकृत प्रश्नावली भरने के लिए कहा गया, फिर शोधकर्ताओं ने नाश्ते से मिलने वाली कुल दैनिक ऊर्जा का पता लगाया।
प्रतिभागियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया था। पहला जो सुबह में अपनी ऊर्जा का सेवन का पांच प्रतिशत से कम का उपभोग करते हैं (जो नाश्ता छोड़ते हैं और केवल कॉफी या अन्य पेय पदार्थ पीते हैं), दूसरा जो सुबह में अपनी ऊर्जा का सेवन 20 प्रतिशत से अधिक खाते हैं (जो एक हेल्दी नाश्ते खाते हैं) और तीसरा जो सुबह में अपने दैनिक खपत के पांच से 20 प्रतिशत (कम ऊर्जा वाला नाश्ता) करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 69.4 प्रतिशत प्रतिभागियों को नाश्ते से कम ऊर्जा मिली, जबकि 27.7 प्रतिशत हेल्दी नाश्ता करते थे और केवल 2.9 प्रतिशत नाश्त्ता छोड़ देते थे।
वैज्ञानिकों ने कहा, 'नाश्ता छोड़ने वाले लोगों में मोटापे के साथ ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज के स्तर में कमी और ब्लड लिपिड (रक्त में वसा) की समस्या भी हो सकती है।' माउंट सिनाई हार्ट इंस्टीट्यूट के वालेंटिन फस्टर ने कहा, 'नाश्ता ना करना ऐसी बुरी आदत है जिसे छोड़कर इंसान बहुत ही सेहतमंद जीवन जी सकता है। सुबह पोषक नाश्ता करने से इंसान को हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम रहता है।' ग्लासगो विश्वविद्यालय में मेटाबोलिक मेडिसिन के प्रोफेसर नवीन सत्ते, अध्ययन में शामिल नहीं थे लेकिन उनका मानना है कि निष्कर्ष नाश्ता और बीमारी को छोड़ने के बीच का संबंध साबित नहीं करता है।