सुंदरता बढ़ाने की आधुनिक विधि Modern Method Of Beauty In Hindi

सुंदरता बढ़ाने की आधुनिक विधि-

सुंदरता का अर्थ मानसिक व शारीरिक दोनों रूपों से स्वस्थ होना है। इसके लिए नित नए अनुसंधान हो रहे हैं। चेहरे व त्वचा की सुंदरता के लिए गोल्थ फेशियल व थमो हर्ब विधियां तो प्रचलित हैं हीं जिनमें क्रमश: सोने की परत व जड़ी-बूटियों की सहायता से चेहरे की त्वचा का विशेष उपचार किया जाता है।



सच्ची सुंदरता सुंदर दिखने के साथ-साथ सुंदर महसूस करने में भी होती है। पिछले कुछ वर्षों से भारतीय महिलाएं अपनी सुंदरता के प्रति जागरुक हुई हैं किंतु त्वचा व टेक्सचर के बारे में अभी भी जानकारी का अभाव है।

दिल्ली जैसे महानगरों में कई नई मशीने सौंदर्य बढ़ाने में मददगार हो रही हैं। इनमें स्टेट-आफ दी आर्ट मशीन के बारे में जानना आवश्यक है कि मिलेनिया नामक ब्यूटी क्लीनिक में उपलब्ध है। इस मशीन के तीन भाग होते हैं- ।

1.डायना : चेहरे की मांसपेशियों की प्रभावशाली व नान सर्जिकल टोनिंग के लिए होती है।
2.डर्मीकेयर : त्वचा के बेहतर उपचार के लिए।
3.नेमेसिस : बेहतर शारीरिक फिटनेस के लिए शरीर के तंतुओं की टोनिंग करता है।

बाल हटाने की नई तकनीक Hair Removal Techniques – Baal Hatane Ke Tarike

इलेक्ट्रिकल तरीकों से चेहरे की नाजुक नरम त्वचा पर दाग पड़ने का अंदेशा रहता है और रेजर व थ्रेडिंग स्थायी समाधान नहीं है। सॉफ्ट पिलएक बेहतरीन तकनीक है, जिसके द्वारा अनचाहे बालों की समस्या का समाधान किया जाता है। यह तकनीक पूर्णतः वैज्ञानिक है इससे चेहरे पर निशान पड़ने तथा दर्द की संभावना नहीं रहती।

इस तकनीक में मशीन के साथ जुड़ा ट्वीजर बाल को पकड़कर बिना दर्द किए जड़ से बाहर निकाल देता है। बालों को पूरी तरह निकालने में कितना समय लगेगा यह देखकर ही बतलाया जा सकता है। क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाल सॉफ्ट हैं या हार्ड। हार्ड बालों की समस्या दूर करने में समय ज्यादा लगता है।

सौंदर्य वृद्धि के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी Cosmetic Surgery For Beauty

प्रतिस्पर्धा के इस युग में कॉस्मेटिक सर्जरी सिर्फ फैशन ही नहीं, बल्कि जरूरत बनती जा रही है। कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद से नाक को मनचाहा आकार दिया जा सकता है। जैसे चपटे और मोटे नाक तीखे और पतले बनाये जा सकते हैं। चेहरे में पड़ी झुर्रियाँ, सिकुड़न, ढीलापन, कील-मुंहासे या चेचक के दाग, सफेद दाग, चेहरे पर कटे या जले के दाग और आंखों के नीचे पड़े गहरे काले धब्बों को दूर करके चेहरे पर जवानी के दिनों की कांतियुक्त चमक एवं कसाव फिर से पैदा किए जा सकते हैं। गले पर पड़ी सिलवटों को दूर किया जा सकता है। बाल प्रत्यारोपण से गंजापन दूर किया जा सकता है। स्तन को बड़ा या छोटा किया जा सकता है। चेहरे पेट या स्तन के ढीलेपन को भी हटाया जा सकता है। चेहरे, पेट या जांघ पर जमी फिजूल चबी को हटाया जा सकता है। इस सर्जरी की सहायता से चेहरे से तिल के निशान को गायब किया जा सकता है। कटे-फटे होंठ और वजनदार बाली पहनने से फटे कान और बड़े छिद्र वाले कान भी ठीक किए जा सकते हैं। भौंह और पलकों में आए ढीलेपन को दूर किया जा सकता है। एक हद तक चेहरे के सांवलेपन को गोरा बनाया जा सकता है।

नोज प्लास्टी या राइनोप्लास्टी Rhinoplasty Surgery

चेहरे की सुंदरता में नाक ही चार चांद लगाती है, लेकिन नाक की बनावट में कई तरह की खामियाँ हो सकती हैं-जैसे नाक टेढ़ी, धंसी हुई या चपटी, अत्यधिक चौड़ी, पसरी या फैली हुई, अत्यधिक उठी हुई या पतली हो सकती है। इनमें से किसी भी खामी को राइनोप्लास्टी से दूर करके नाक को मनचाहा आकार प्रदान किया जा सकता है। चपटी, चौड़ी या फैली, पसरी या धंसी हुई नाक को बोन कार्टिलेज या सिलिकॉन प्रत्यारोपण से मनमाफिक आकार दिया जा सकता है। मोटी या थबरी नाक से हम्प रिडक्शनके सहारे फालतू ऊतकों (टिश्यू) को हटा कर उसे पतली किया जा सकता है और उसे सही आकार दिया जा सकता है। नाक का ऑपरेशन 16 साल की उम्र के बाद कभी भी किया जा सकता है, क्योंकि उस समय तक नासिका उतकों का पूर्ण विकास हो चुका होता है। यह ऑपरेशन नाक को सुन्न करके किया जाता है। इसके लिए एक दिन अस्पताल में रहने की जरूरत पड़ती है।

डर्माब्रेजन (फेस पीलिंग)

चेहरे पर उगे कील-मुंहासे, चेचक, चोट, जख्म या जलन आदि के दागधब्बों और सुंदरता बिगाड़ने वाले तिल और सफेद दाग को भी कॉस्मेटिक सर्जरी से हटाया जा सकता है। इसमें त्वचा की ऊपरी परत को हल्की सर्जरी से हटा दिया जाता है। इस सर्जरी में धातु और हीरे के ब्रश का इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्जरी अक्सर बेहोश करके की जाती है। सर्जरी के बाद त्वचा को धूप से छह महीने तक बचाना पड़ता है। आजकल बेहतर नतीजों के लिए स्वचालित डर्माब्रेडर मोटर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे चेहरे की त्वचा की झुर्रियों व रेखाओं को दूर किया जा सकता है। चेहरे के दागधब्बों या तिल को जब रसायन से हटाया जाता है तो इसे केमिकल फेस पीलिंग कहते हैं। जब इसे घोल कर हटाया जाता है तो इसे डर्माब्रेजन कहते हैं। जब इसे लेजर से हटाया जाता है तो इसे लेजर पीलिंग कहते हैं।

लाइपोसक्शन Liposuction Surgery For Weight Loss

छरहरा बदन हमेशा से ही सुंदरता का प्रतीक रहा है। लेकिन गलत खान-पान या रहन-सहन की वजह से शरीर के किसी खास हिस्से में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है, जो शारीरिक बनावट को कुरूप बना देता है। जब डायटिंग और व्यायाम की मदद से भी फिजूल वसा को हटाना मुश्किल हो जाता है तो लाइपोसक्शन विधि का सहारा लिया जाता है। इस विधि से शरीर के किसी खास हिस्से की स्थूलता को स्थायी तौर पर दूर किया जा सकता है।

चेहरे पर जमी चर्बी, गले की त्वचा के नीचे जमाव, जांघ, पेट, बांह या शरीर के किसी भी खास भाग में जमे अतिरिक्त वसा को भी लाइपोसक्शन विधि से हटाया जा सकता है। इसके अलावा कभी-कभी किसी कारणवश पुरुषों के वक्ष में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है। इसे भी लाइपोसक्शन से दूर किया जा सकता है।

लाइपोसक्शन विधि में शरीर के खास भाग में एक छोटा सा चीरा लगाकर उसके अंदर एक धातु की ट्यूब डाली जाती है। इसी ट्यूब के जरिए अतिरिक्त वसा को बाहर निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया को मनचाहा आकार पाने तक जारी रखा जाता है। ऑपरेशन के दो हफ्ते बाद से व्यायाम प्रारंभ किया जा सकता है। यहा यह ध्यान रखने की जरूरत है कि लाइपोसक्शन मोटापा घटाने की विधि नहीं है।

कभी-कभी अपना वजन घटाने से या बच्चे को जन्म देने के बाद पेट की त्वचा काफी ढीली पड़ जाती है। पेट की मांसपेशियाँ भी सिकुड़ जाती है। पेट की ढीली त्वचा को कसने के लिए मामूली ऑपरेशन किया जाता है। इस ऑपरेशन में अतिरिक्त त्वचा को काट कर हटा दिया जाता है। कॉस्मेटिक सर्जरी की इस प्रकिया को एब्डोमिनोप्लास्टी या टमी टकिंग कहते हैं।

यदि किसी के पेट में काफी वसा जमा हो जाता है और किसी कारणवश पेट की त्वचा भी लटक जाती है तो उनके लिए लाइपोसक्शन और टमी टकिंग दोनों विधि का इस्तेमाल किया जाता है।

वक्ष की कॉस्टमेटिक सर्जरी Breast Surgery For Enlargement

अक्सर महिलाएं अपने स्तन के आकार को लेकर चिंतित रहती हैं। एक तरफ जहाँ छोटे आकार के स्तन होने से महिलाओं में हीन भावना और कुंठा पैदा हो जाती है तो दूसरी तरफ बहुत बड़े आकार के स्तन भी महिला के सौंदर्य को बिगाड़ देते हैं और कई तरह की समस्याएं उत्पन्न करते हैं। कॉस्मेटिक सर्जरी में सिलिकन अथवा पानी भरे इमप्लांट के इस्तेमाल से छोटे स्तन को मनचाहा आकार दिया जा सकता है। इससे न तो स्तन की स्वाभाविकता नष्ट होती है और न ही उस स्तन से बच्चे को दूध पिलाने में कोई दिक्कत होती है। स्तन के आकार को अपेक्षाकृत छोटा करने के लिए ऑपरेशन की सहायता ली जाती है। ऑपरेशन से स्तन में से अतिरिक्त वसा और त्वचा को निकाल दिया जाता है। कभी-कभी बड़े स्तन को छोटा करने के लिए दुग्ध नलिका को काटना पड़ता है। इस कारण माँ बनने के बाद ही स्तन के आकार को छोटा कराना चाहिए। इसके अलावा उम्र वृद्धि या मां बनने के बाद ढीले पड़ चुके लटके स्तन को भी कसा जा सकता है। कॉस्मेटिक सर्जरी से ढीले स्तनों को जवानी के दिनों की तरह के कसे हुए स्तन के समान बनाया जा सकता है।

बाल प्रत्यारोपण Hair Transplant Surgery

गंजे सिर वाला हमेशा उपहास का पात्र बनता है। खास कर गंजे सिर वाली महिलाओं की कल्पना मात्र से ही रूह कांप उठती है। अभी तक ऐसी कोई दवा ईजाद नहीं हुई है, जो गंजे सिर पर बाल उगा सके। लेकिन कॉस्मेटिक सर्जरी में बाल प्रत्यारोपण की मदद से गंजे सिर में भी बाल उगाए जा सकते हैं। ये बाल भी प्राकृतिक बाल की तरह ही काटने पर उगते और लम्बे होते हैं। बाल प्रत्यारोपण में सिर के पिछले हिस्से के बाल को जड़ से उखाड़कर गंजे सिर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसके लिए तकरीबन तीन से चार ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। कॉस्मेटिक सर्जरी में भी अन्य सर्जरी की तरह ही खतरे से रूबरू होना पड़ता है। इसलिए कॉस्मेटिक सर्जन के पास जाने के पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लेना चाहिए। वैसे तो पुरुष या महिलाए किसी भी उम्र में कॉस्मेटिक सर्जरी करा सकते हैं, परन्तु 13-14 साल की उम्र के बाद जितन पहले संभव हो सके, कॉस्मेटिक सर्जरी ज्यादा फायदेमंद रहता है और इसके परिणाम जीवन पर्यन्त रहते हैं।

फेस लिफ्ट कॉस्मेटिक सर्जरी Face Lift Cosmetic Surgery

बहुचर्चित कॉस्मेटिक सर्जरी आज के समाज में एक आवश्यकता के रूप में स्थापित हो चुकी है। पर्दे पर नजर आने वाले हीरो-हीरोइन, टी.वी. आर्टिस्ट या फिर सभ्य समाज के लोग जो कि विचारधारा त्याग चुके हैं। ज्यादातर कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लेकर अपने आप को अधिक सुंदर बना चुके हैं। ये आज के समय की.पुकार है। नाक को सुंदर बनाना, चर्बी निकालना, वक्ष सुंदरता, और चेहरे के ढीलेपन को दूर करना कुछ ऐसे आपरेशन हैं जोकि अत्यधिक अपनाए जा रहे हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका प्रभाव चेहरे पर जल्दी ही नजर आ जाता है। चिन्ताओं और परेशानियों से उलझे लोगों के चेहरे भी अपनी भाषा आप बोल देते हैं। चेहरे पर ढीलापन लिए लटके मुख के साथ इंसान हीन भावना का शिकार होकर इससे बाहर निकलने का रास्ता तलाश करता है। कॉस्मेटिक सर्जन उसे फेस लिफ्ट की सलाह देकर उसकी सहायता करता है। इस ऑपरेशन द्वारा चेहरे का ढीलापन. दूर करके कसावट प्रदान की जाती है। जिन जगहों में ढीलापन होता है, वहां पर से ढीलापन दूरकर कसकर फालतू चर्म काटकर पुनः स्थापित की जाती है। इससे गालों की, नाक के पास की, जबड़े के पास और गले का ढीलापन दूर हो। जाता है। मरीज की उम्र 10 वर्ष कम लगने लगती हैं। इस तरह व्यक्ति जवानी का अहसास और विश्वास पुनः प्राप्त कर लेता है। अांखों के ऊपर और नीचे के ढीलेपन को भी दूर किया जा सकता है।

एक्यूलेज़र

साफ, स्वस्थ और स्निग्ध त्वचा सौंदर्य का आधार है। लेकिन, अधिकतर लोग किसी-न-किसी त्वचा संबंधी समस्या का शिकार हैं। किसी के चेहरे पर एक्ने है, तो किसी को मुहांसों की समस्या ने घेरा है, तो कोई दागधब्बों और झुर्रियों से परेशान है। लेकिन, आज के वैज्ञानिक जमाने में हम त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। एक आधुनिक तकनीक लेज़र थेरैपीद्वारा। इससे हम एक्ने, झुर्रियाँ, आंखों के नीचे का कालापन, दाग-धब्बे, चेचक के दाग आदि सभी समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं।

लेजर दो प्रकार के होते हैं। रेड लेजर और येलो लेजर अलग-अलग त्वचा की समस्या में अलग-अलग लेजर का प्रयोग किया जाता है। दाग-धब्बे, आंखों के नीचे का कालापन येलो लेजरसे दूर किया जाता है। आंखों के नीचे की झुर्रियां और आंखों के किनारे की झुर्रियां भी येलो लेजर से ही दूर की जाती हैं। अगर नमी की कमी की वजह से झुर्रियाँ पड़ती हैं, तो सबसे पहले त्वचा से नमी की कमी को दूर करने के लिए यंग स्किन फेस मास्कएक तरह का कलोजन मास्क होता है। त्वचा का कलोजन जो प्रोटीन के पाइपल फार्म में होता है, उनके सिरे जब सूखने लगते हैं, तो त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती हैं। झुर्रियों को खत्म करने के लिए अगर कलोजन मास्क से उम्र का प्रभाव कम किया जा सकता है। लेजर और कलोजन मास्क 15 बार प्रयोग करने से अगर आप 35 वर्ष के हैं, तो आप 10 वर्ष कम नजर आ सकते हैं और 45 वर्ष हैं तो 6 वर्ष कम।

लेजर उपचार का सबसे ज्यादा फायदा एक्ने में होता है। दर्द वाला एक्ने हो या अन्य किसी तरह का, लेजर के सीधे प्रयोग से दो-चार बार में ठीक हो जाता है। चेचक के दाग, गड्डे और जली हुई त्वचा भी लेजर उपचार से सही हो जाती है। लेजर के प्रयोग से पुरानी खराब त्वचा नीचे दब जाती है | नई त्वचा आ बजती है चेहरा खूबसूरत नजर आने लगता है ।

आंखों के नीचे की फूली त्वचा को भी लेजर उपचार से दूर किया जा सकता है। आंखों के नीचे लिम्फ जमा हो जाने से आंखें सूज जाती हैं। लेजर से लिम्फ खत्म कर देने से सूजी हुई आंखें स्वस्थ हो जाती हैं। लेजर से सिर्फ चेहरे को ही खूबसूरत नहीं बनाया जाता है, बल्कि इससे बालों में होने वाली खुश्की को भी दूर किया जा सकता है। लेज़र के प्रयोग से खुश्की वाली त्वचा खत्म हो जाती है और नई त्वचा आ जाती है और कीटाणु भी मर जाते हैं। लेजर का प्रयोग आंखों पर चश्मा पहनकर किया जाता है। लेज़र से उपचार करने में किसी प्रकार के दर्द या तकलीफ का अहसास नहीं होता है और हमारी त्वचा पर कोई हानिकारक प्रभाव भी नहीं पड़ता।

लेज़र थेरैपी के अतिरिक्त एक और आधुनिक तकनीक आजकल त्वचा संबंधी बीमारियों का उपचार करने में प्रयोग की जा रही है-एक्यूलेज़रतकनीक। झुर्रियां, कील-मुहांसे, जलने के निशान, झाइयां, काले धब्बे आदि त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सौंदर्य उपचारिकाएं एक्यूपंक्चरतकनीक प्रयोग में लाती हैं। हम बगैर किसी दर्द या तकलीफ के त्वचा की सभी बीमारियों का उपचार करते हैं, जबकि एक्यूपंक्चर विधि से इलाज करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक्यूपंक्चरतकनीक में बीमारी का ईलाज सुई द्वारा किया जाता है, इसलिए एक्यूपंक्चरविधि में दर्द का सामना भी करना पड़ता है। जो सुई इस्तेमाल में लाई जाती है, वो भी चांदी की होती है। सुई हर बार नई खरीदनी पड़ती है। इस वजह से खर्च ज्यादा होता है। इन सब बातों के अतिरिक्त एक्यूपंक्चरसे त्वचा रोग का जड़ से नाश नहीं होता, जबकि एक्यूलेज़र में हमें इन परेशानियों का सामना नहीं करना पडता.

एक्यूलेज़रतकनीक से उपचार करने में सबसे पहले एक आधुनिक मशीन पाइंट डिटेक्टरको त्वचा के ऊपर घुमाकर यह पता लगाया जाता है कि आंतरिक रोग किस स्थान पर है। इसके बाद उपचार शुरू किया जाता है। इस तकनीक से उपचार करते समय किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है और रोग भी समूल नष्ट हो जाता है। इसके अलावा एक्यूलेज़रसे साइड इफेक्ट का खतरा भी नहीं रहता। आपकी त्वचा भी स्वच्छ, कोमल और पारदर्शी हो जाती है।

एक्यूलेज़रसे आप अपनी आयु से पांच से दस वर्ष तक कम भी नजर आ सकते हैं।

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