दिल्ली से 45 किलोमीटर दूर है सुल्तानपुर नेशनल पार्क, नेचर और बर्ड्स फोटोग्राफी के लिए परफेक्ट लोकेशन

टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी पर इस कदर हावी हो चुकी है कि हमारा पूरा दिन टेक्नोलॉजी के साथ बीत जाता है।ऐसे हमारी प्रकृति से दूरी बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि घरों की छतों पर मोर देखना अनोखी-सी बात लगती है। अगर आप भी कुछ वक्त प्रकृति के पास बिताना चाहते हैं, तो इस वीकेंड सुल्तानपुर नेशनल पार्क घूम सकते हैं। इसका नाम पहले सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी था।
 आइए, जानते हैं क्या है खास.

1972 में बना वाटर बर्ड रिर्जव
सुल्तानपुर नेशनल पार्क दिल्ली से 45 किमी दक्षिण-पश्चिम में तथा गुड़गांव से 15 किमी की दूरी पर स्थित है।अनेकानेक प्रकार के पक्षी, घने पेड़ों व झीलों से सजा यह नेशनल पार्क 'हरियाली के स्वर्ग' के समान है। यहां आकर आपके मन को एक सुकून का अनुभव होता है। सुल्तानपुर को सन् 1972 में 'वाटर बर्ड रिर्जव' के रूप में घोषित किया गया था।

यह नेशनल पार्क प्रवासी पक्षियों की आरामगाह के रूप में जाना जाता है। सितम्बर माह से यहां तरह-तरह के प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रारंभ हो जाता है। एक जानकारी के मुताबिक यहां 1800 पक्षियों की प्रजातियां है।पार्क के सुंदर नजारे व विविध प्रकार के पक्षियों को निहारने के लिए यहां कई सारे वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां से आप पार्क की खूबसूरती व इन पक्षियों के कार्यकलापों को करीब से देखने व जानने का लुत्फ उठा सकते हैं।

कैसे पहुंचे 
दिल्ली से गुडगांव (हरियाणा) जाने के लिए आप मेट्रो या अपने निजी वाहन से जा सकते हैं। आप देश के किसी और हिस्सों से आ रहे हैं, तो आपको अपने राज्य से करीब पड़ने वाले राज्य दिल्ली या हरियाणा में आना पड़ेगा।

घूमने के लिए बेस्ट टाइम : आप दिसम्बर से जनवरी के बीच यहां घूम सकते हैं।

समय : आप सुबह 7 बजे से 4:30 बजे तक एंट्री कर सकते हैं।

टिकट : बच्चों और बड़ों के लिए 5 रुपए की टिकट रखी गई है।

क्या है खास : आपको किंगफिशर, ग्रे पेलिकेन्स, कार्मोरेंटस, स्पूनबिल्स, पोंड हेरोंस, व्हाइट इबिस आदि पक्षी भी देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा नीलगाय भी खास है।
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