अगर आप एक टीचर है और अपने स्कूल एवम कॉलेज में Independence Day Speech (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण) बोलना चाहते हो तो इस लेख में आपको Best 15 August Speech in Hindi for Teachers मिलेगी जिसको आप अपने भाषण में इस्तेमाल कर सको.
15 अगस्त के भाषण को पढ़ने के बाद हमको कमेंट करके जरुर बताये की आपको 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण कैसा लगा और अगर आपको Latest Independence Day Speech पसंद आई हो तो इस स्पीच को जितना हो सके उतना शेयर करे.
15 August Independence Day Speech in Hindi Language For Teachers
आदरणीय प्रधानाचार्यजी, सभी अध्यापकगण और मेरे प्यारे मित्रों को मेरा प्रणाम..!
15 अगस्त 1947 का वह दिन जिस दिन हमने नियति से मिलने का वचन पूरा किया था| एक दुर्भाग्य पूर्ण युग का अंत जब वर्षो से शोषित एक देश की आत्मा अपनी बात कहने में समर्थ हो सकी थी, एक जुवान जहाँ सच कहने में काँपती थी|
इस दिन हमने जय हिन्द जय भारत का उद्घोष स्वतंत्रता के साथ किया था|
इसी दिन हमने जनता की सेवा और उससे भी आगे जाकर समस्त मानवता में शिव के दर्शन करके मानवता की सेवा करने की प्रतिज्ञा ली थी.
हमारे महापुरुषो ने एक विराट युग का स्पंदन गागर में सागर की तरह छलक उठा था| भारत की सीमाए एक रहस्य विस्तार से आंदोलित हो उठी थी, उनकी आँखों के सामने एक विस्मृत प्राचीन अतिहसिक युग, एक नवीन युग मूर्तिमान हो उठे थे.
भारत माँ की गुलामी का प्रतिशोध अत्याचारी को अटल अन्धकार में डाल देने के लिए व्याकुल हो उठा था| हमारी आजादी की कल्पना में समुद्र की तरह उदेलित होकर साकार हो उठी थी.
आजादी के गर्जन में सभी भारत वासी घुल मिलकर एक भरा भारत अपनी राख से फिनिक्स की तरह आवरित होने के लिए व्याकुल हो उठा था.
हमारी विराट कल्पना साकार होने के लिए मचल उठी थी| एक ही प्रशन सारे भारत की आँखों में था – आखिर कब भारत आज़ाद होगा ? कब उस पर केसरी ध्वज फहरायेगी, कब उस पर तिरंगा फहरायेगा|
15 अगस्त 1947 को आज से 71वर्ष पूर्व भारत अपने पार्थिव धरातल से उठकर आज के ही दिन भगवान भास्कर के चरणों का स्पर्श किया था|
आज के ही दिन स्वतंत्र भारत के वियोग के बादलो पर सूर्य की किरने बिखरी थी और स्वंतंत्रता का सतरंगी इन्द्रधनुष ने समस्त भारत को छा दिया था|
आज़ाद भारत को अभी बहुत कुछ करना बाकी है| आज भी कही स्वतंत्र भारत के पीछे पढ़े है| हमे उन तक पहुचना होगा, हमे उनसे विरक्त नहीं होना है.
भारत के एक भी व्यक्ति की आँखे यदि इस करुण कंदन से नम होती है तो हमे उन आंशुओ को अपनी उजली में लेना है, और उनके चेहरों पर तभी सच है कि हम स्वतंत्रता के युग में है|
भारत माँ ने हमे बहुत कुछ बताया पर सब कुछ नहीं, भारत माँ ने ही हमे शक्ति दी थी जिसके बल पर आजादी का बीज धरती फोड़कर नये जीवन का प्रतीक बना है.
15 अगस्त 1947 को रात बारह बजे सभी महान पुरुषो की साधनाये फलीभूत होकर आह्लाद और उन्माद में भर उठी थी|
15 अगस्त के भाषण को पढ़ने के बाद हमको कमेंट करके जरुर बताये की आपको 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण कैसा लगा और अगर आपको Latest Independence Day Speech पसंद आई हो तो इस स्पीच को जितना हो सके उतना शेयर करे.
15 August Independence Day Speech in Hindi Language For Teachers
आदरणीय प्रधानाचार्यजी, सभी अध्यापकगण और मेरे प्यारे मित्रों को मेरा प्रणाम..!
15 अगस्त 1947 का वह दिन जिस दिन हमने नियति से मिलने का वचन पूरा किया था| एक दुर्भाग्य पूर्ण युग का अंत जब वर्षो से शोषित एक देश की आत्मा अपनी बात कहने में समर्थ हो सकी थी, एक जुवान जहाँ सच कहने में काँपती थी|
इस दिन हमने जय हिन्द जय भारत का उद्घोष स्वतंत्रता के साथ किया था|
इसी दिन हमने जनता की सेवा और उससे भी आगे जाकर समस्त मानवता में शिव के दर्शन करके मानवता की सेवा करने की प्रतिज्ञा ली थी.
हमारे महापुरुषो ने एक विराट युग का स्पंदन गागर में सागर की तरह छलक उठा था| भारत की सीमाए एक रहस्य विस्तार से आंदोलित हो उठी थी, उनकी आँखों के सामने एक विस्मृत प्राचीन अतिहसिक युग, एक नवीन युग मूर्तिमान हो उठे थे.
भारत माँ की गुलामी का प्रतिशोध अत्याचारी को अटल अन्धकार में डाल देने के लिए व्याकुल हो उठा था| हमारी आजादी की कल्पना में समुद्र की तरह उदेलित होकर साकार हो उठी थी.
आजादी के गर्जन में सभी भारत वासी घुल मिलकर एक भरा भारत अपनी राख से फिनिक्स की तरह आवरित होने के लिए व्याकुल हो उठा था.
हमारी विराट कल्पना साकार होने के लिए मचल उठी थी| एक ही प्रशन सारे भारत की आँखों में था – आखिर कब भारत आज़ाद होगा ? कब उस पर केसरी ध्वज फहरायेगी, कब उस पर तिरंगा फहरायेगा|
15 अगस्त 1947 को आज से 71वर्ष पूर्व भारत अपने पार्थिव धरातल से उठकर आज के ही दिन भगवान भास्कर के चरणों का स्पर्श किया था|
आज के ही दिन स्वतंत्र भारत के वियोग के बादलो पर सूर्य की किरने बिखरी थी और स्वंतंत्रता का सतरंगी इन्द्रधनुष ने समस्त भारत को छा दिया था|
आज़ाद भारत को अभी बहुत कुछ करना बाकी है| आज भी कही स्वतंत्र भारत के पीछे पढ़े है| हमे उन तक पहुचना होगा, हमे उनसे विरक्त नहीं होना है.
भारत के एक भी व्यक्ति की आँखे यदि इस करुण कंदन से नम होती है तो हमे उन आंशुओ को अपनी उजली में लेना है, और उनके चेहरों पर तभी सच है कि हम स्वतंत्रता के युग में है|
भारत माँ ने हमे बहुत कुछ बताया पर सब कुछ नहीं, भारत माँ ने ही हमे शक्ति दी थी जिसके बल पर आजादी का बीज धरती फोड़कर नये जीवन का प्रतीक बना है.
15 अगस्त 1947 को रात बारह बजे सभी महान पुरुषो की साधनाये फलीभूत होकर आह्लाद और उन्माद में भर उठी थी|
15 अगस्त के इस शुभ अवसर पर आप सभी को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाये…..
Great Article IoT Projects for Students
ReplyDeleteDeep Learning Projects for Final Year
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