Independence Day Speech in Hindi For Students - 15th August 2018

अगर आप अपने स्कूल एवम कॉलेज में Independence Day Speech (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण) बोलना चाहते हो तो इस लेख में आपको Best 15 August Speech in Hindi मिलेगी जिसको आप अपने भाषण में इस्तेमाल कर सको.
Independence Day Speech in Hindi – स्वतंत्रता दिवस पर प्रेरणादायक भाषण जिसको आप अपने विद्यालय और कॉलेज में बोल सको.

15 अगस्त के भाषण को पढ़ने के बाद हमको कमेंट करके जरुर बताये की आपको 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण कैसा लगा और अगर आपको Latest Independence Day Speech पसंद आई हो तो इस स्पीच को जितना हो सके उतना शेयर करे.

इससे पहले भी मैंने आप सभी देशभक्तों के लिए स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर भाषण लिखा है जिसको आप पढ़ सकते हो और अगर आपको देशभक्ति पर भाषण पढ़ना है तो आप लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हो.

तो चलिए मित्रों, आपका ज्यादा समय नष्ट ना करते हुए 15 अगस्त पर भाषण के इस लेख को प्रारंभ करते है:-

Short Speech on Independence Day in Hindi For School Students
आदरणीय प्रधानाचार्यजी, सभी अध्यापकगण और मेरे प्यारे मित्रों, आज हम सब यहाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से हमारे देश को आजादी मिली थी.

आजादी का क्या मतलब है?
आजादी कहने को सिर्फ एक शब्द है लेकिन इसकी भव्यता को कोई भी शब्दों में नही बांध सकता.
आजादी का अर्थ है – विकास के पथ पर आगे बढकर देश और समाज को ऐसी दिशा देना, जिससे हमारे देश की संस्कृति की सोंधी खुशबू चारों और फ़ैल सके.

आजादी का मूल्य देश ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, सुभाषचंद्र बोस आदि के प्राण खोकर चुकाया हैं.

देश की आजादी की कहानी में शायद ही कोई ऐसा पन्ना हो जो आंसुओं से होकर ना गुजरा हो.

झाँसी की रानी से गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन तक की मेहनत के बाद आजादी प्राप्त हुई.

तो चलिए आज इस आजादी की कहानी पर एक नजर डालें.

Best Independence Day Speech For Students in Hindi
सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महायज्ञ का प्रारम्भ झासी की रानी और मंगल पांडे ने किया और अपने प्राणों को भारत माता पर न्योछावर किया.

देखते ही देखते यह चिंगारी एक महासंग्राम में बदल गयी जिसमें पूरा देश कूद पड़ा.

इस आजादी के लिए तिलक ने ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का सिंहनाद किया.

चंद्रशेखर आजाद ने अपना धर्म ही आजादी को बताया. भगतसिंह ने देशभक्ति की जो लो पैदा की वह अद्भुत है.

ईट का जवाब पत्थर से देने की क्रांतिकारियों की ख्वाहिश का सम्मान यह देश हमेशा करेगा.

देश को गर्व है कि उसके इतिहास में भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु और असंख्य ऐसे युवा हुए जिन्होंने अपने प्राणों की भारतमाता के लिए हंसते-हंसते न्योछावर कर दिया.

देश के इतिहास में अगर किसी को असली सुपरहीरो माना जाता है तो वह हैं हमारे नेताजी सुभाषचंद्र बोस.

सुभाष चंद्र बोस एक आम भारतीय ही थे. उच्च शिक्षा प्राप्त और अच्छे उज्ज्वल करियर को त्याग देश के इस महान हीरो ने दर-दर भटक कर देश की आजादी के लिए प्रयास किए.

महात्मा गाँधी यूँ तो किसी परिचय के मोहताज नहीं लेकिन यह राष्ट्र उन्हें राष्ट्रपिता के रूप में जनता है. “गाँधीजी ने दुनिया की अहिंसा और असहयोग नाम के दो महा अस्त्र दिए.

‘अहिंसा’ और ‘असहयोग’ लेकर गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए महात्मा गाँधी, ‘लोह पुरुष’ सरदार पटेल, चाचा नेहरु, बाल गंगाधर तिलक जैसे महापुरुषों ने कमर कस ली.

90 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता का वरदान मिला.

वर्षों की गुलामी सहने और लाखों देशवासियों का जीवन खोने के बाद हमने यह बहुमूल्य आजादी पाई है. लेकिन आज की युवा पीढ़ी आजादी का वास्तविक अर्थ भूलती जा रही है.

पश्चिमी संस्कृति का अनुसरण कर वह अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से दूर होते जा रहे है. इस संदर्भ में किसी कवि ने खूब लिखा है कि:
“भगतसिंह इस बार न लेना, काया भारतवासी की
क्यूंकि देशभक्ति के लिए आज भी सज़ा मिलेगी फांसी की”
जिस आजादी के लिए हमने देश के लिए कई महान वीरों की आहुति ही है उस आजादी को ऐसे बर्बाद करना बिलकुल सही नही है.

हमें देश को भ्रष्टाचार, गरीबी, नशाखोरी, अज्ञानता से आजादी दिलाने की कोशिश करनी चाहिए.

देश को शायद आज एक नए स्वतंत्रता संग्राम की जरूरत है इस स्वतंत्र देश के नागरिक होने के नाते हमे अपने आप से ये वादा करना है कि हम अपने देश को विकास की ऊंचाइयों तक ले जायेंगे और भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाएगे ताकि हमारे देशभक्तों और शहीदों का बलिदान व्यर्थ ना जाए!
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