ये फर्जी वेबसाइट https://jaagoindian.org/ayodhya/ है, इसी वेबसाइट को हालही में एक दुसरे डोमेन पर ट्रांसफ़र कर दिया गया है और लोग अभी भी वोट कर रहे है https://my-vote.net/ayodhya/ जिस पर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की तस्वीरों को एक साथ जोड़कर दिखाया गया है. तस्वीर पर Ram Mandir V/S Babri Masjid लिखा है और पूछा गया है कि अयोध्या में क्या बनना चाहिए? तस्वीर के नीचे वोट करने के लिए एक टैब भी दिया गया है. वोट के लिए तीन विकल्प दिए हैं- राम मंदिर, बाबरी मस्जिद और दोनों. इतना ही नहीं, वोट करने के बाद इस वेबसाइट के लिंक को फेसबुक और वाट्सऐप पर शेयर करने की अपील की गई है. वेबसाइट में नीचे की तरफ इस मैसेज को शेयर करने के लिए लिंक भी दिए गए हैं.
अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए या बाबरी मस्जिद? मैंने तो अयोध्या के मामले में किए जा रहे ऑनलाइन सर्वे में भागीदारी कर दी है। निवेदन है कि आप भी वोट दें।’ बृहस्पतिवार सुबह से एक वेबसाइट के लिंक के साथ वॉट्सएप और फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया में वायरल हुए इस मैसेज ने खुफिया एजेंसियों के कान खडे़ कर दिए।
वेबसाइट उत्तर प्रदेश सरकार की ऑफिशियल साइट से मिलती-जुलती है। वेबसाइट खोलते ही होमपेज पर सीएम आदित्यनाथ योगी की तस्वीर और राम मंदिर से संबंधित मैसेज देखकर लोग इसे सरकारी सर्वे मानते हुए न सिर्फ धड़ाधड़ वोटिंग कर रहे हैं बल्कि दूसरों को लिंक भेजकर वोटिंग करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। अगर आपसे भी ऐसी किसी वेबसाइट के लिंक को शेयर करने की अपील की जाती है, तो ऐसा ना करें और किसी भी हालत में ऐसी वेबसाइट को शेयर ना करे.
सन को इसकी खबर मिली तो एसटीएफ से पड़ताल करने को कहा गया। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि वेबसाइट www.ayodhya-issue.gov.up.in के नाम से बनी है जो उत्तर प्रदेश सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट www.up.gov.in जैसी ही है।
छानबीन करने पर पता चला कि वेबसाइट दिल्ली के बाराखंबा निवासी तरुण चौधरी के नाम से रजिस्टर्ड है और इसमें दिया गया मोबाइल नंबर कर्नाटक के अख्तर अली का है। अख्तर बंगलुरू में आईटी फर्म चलाते हैं।
एसटीएफ अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया तो वह हैरान रह गए। अख्तर ने कहा कि किसी ने उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर शरारत की है। उन्होंने बंगलुरू पुलिस से इसकी शिकायत करने की बात भी कही।
ये न्यूज़ अपने सभी मित्रो को भेजे और बताये की Ram Mandir And Babri Masjid Fake Website है हमारा ये न्यूज़ 135 करोड़ भारतीयों तक जरुर भेजे और इस न्यूज़ के नीचे कमेंट करके अपनी राय जरुर देवे ! धन्यवाद
अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए या बाबरी मस्जिद? मैंने तो अयोध्या के मामले में किए जा रहे ऑनलाइन सर्वे में भागीदारी कर दी है। निवेदन है कि आप भी वोट दें।’ बृहस्पतिवार सुबह से एक वेबसाइट के लिंक के साथ वॉट्सएप और फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया में वायरल हुए इस मैसेज ने खुफिया एजेंसियों के कान खडे़ कर दिए।
वेबसाइट उत्तर प्रदेश सरकार की ऑफिशियल साइट से मिलती-जुलती है। वेबसाइट खोलते ही होमपेज पर सीएम आदित्यनाथ योगी की तस्वीर और राम मंदिर से संबंधित मैसेज देखकर लोग इसे सरकारी सर्वे मानते हुए न सिर्फ धड़ाधड़ वोटिंग कर रहे हैं बल्कि दूसरों को लिंक भेजकर वोटिंग करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। अगर आपसे भी ऐसी किसी वेबसाइट के लिंक को शेयर करने की अपील की जाती है, तो ऐसा ना करें और किसी भी हालत में ऐसी वेबसाइट को शेयर ना करे.
सन को इसकी खबर मिली तो एसटीएफ से पड़ताल करने को कहा गया। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि वेबसाइट www.ayodhya-issue.gov.up.in के नाम से बनी है जो उत्तर प्रदेश सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट www.up.gov.in जैसी ही है।
छानबीन करने पर पता चला कि वेबसाइट दिल्ली के बाराखंबा निवासी तरुण चौधरी के नाम से रजिस्टर्ड है और इसमें दिया गया मोबाइल नंबर कर्नाटक के अख्तर अली का है। अख्तर बंगलुरू में आईटी फर्म चलाते हैं।
एसटीएफ अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया तो वह हैरान रह गए। अख्तर ने कहा कि किसी ने उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर शरारत की है। उन्होंने बंगलुरू पुलिस से इसकी शिकायत करने की बात भी कही।
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