घर में बच्चे के आने से खुशियों के साथ माता पिता पर कई सारी अन्य जिम्मेदारियां भी आ जाती है। एक अच्छे माता पिता बनने के लिए कोई कोर्स करने की ज़रुरत नहीं होती है बल्कि धीरे धीरे आप खुद ही सारी चीज़ें जानने और समझने लगते हैं। हर बच्चा अपने आप में अलग होता है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है उसके पालन पोषण के तरीकों में भी कई तरह के बदलाव करने पड़ते हैं। जैसे छह महीने तक के शिशु के लिए केवल माँ का दूध ही काफी होता है लेकिन उसके बाद बच्चे को ठोस आहार की ज़रुरत होती है। इसी प्रकार बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ उसमें कई तरह के छोटे बड़े परिवर्तन आने लगते हैं।
यदि आपका बच्चा दो साल का है तो ज़रूरी नहीं है कि जैसी देखभाल आप उसकी आज कर रहे हैं वैसे ही कल भी करें। वैसे भी यह समय माता पिता के लिए काफी मुश्किलों से भरा होता है। 2 साल तक के बच्चों के अंदर जिज्ञासा बढ़ने लगती है वे नयी नयी चीज़ों को सीखने लगते हैं। इस उम्र में वे चीज़ों को सीखने के साथ उनके बारे में जानने के लिए भी उत्सुक रहते हैं और हर वह चीज़ करना चाहते हैं जो उन्हें पसंद होता है।
ऐसे में माता पिता को हर वक़्त सतर्क रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि कई बार बच्चे ऐसा कुछ कर जाते हैं जो उनकी उम्मीद से काफी परे हो। इसलिए माता पिता को चाहिए कि आप पहले से ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें।
यदि आपका बच्चा दो साल का है तो हमारे पास आपके लिए कुछ आसान पेरेंटिंग टिप्स हैं जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। तो चलिए जानते हैं क्या है वो टिप्स।
धैर्य
अगर आप दो साल के बच्चे के माता पिता हैं तो सबसे पहली चीज़ जो आपको सीखनी होगी वह है धैर्य क्योंकि आप अपने नटखट बच्चे को तो नयी नयी चीज़ें करने से रोक नहीं सकते हैं, ऐसे में आपको बड़ी ही शांति और धैर्य से काम लेने की ज़रुरत होती है। धैर्य वह गुण है जो आपके अन्दर होना बहुत ज़रूरी है।
बच्चे को व्यस्त रखें
जहां तक हो सके आप अपने बच्चे को किताबों या खिलौनों में व्यस्त रखें क्योंकि अगर वे खाली रहेंगे तो उनका ध्यान इधर उधर ज़्यादा जाएगा और वे कई तरह की शैतानियां करके आपको परेशान करते रहेंगे।
मैं करता हूँ
अकसर बच्चों के मुँह से आप ऐसा सुनते होंगे। जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं वह हर चीज़ अपने आप ही करना चाहते हैं। ऐसे में आप उन्हें छोटी मोटी चीज़ों को करने दें लेकिन ध्यान रहे बच्चे जो भी करे वह आपकी निगरानी में ही करें।
साफ़ सफाई
दो साल तक के बच्चों को पूरे दिन साफ़ सुथरा रखना थोड़ा मुश्किल होता है। वो दिन भर में ऐसे कई काम करते हैं जिससे कभी उनके कपड़े गंदे होते हैं तो कभी चेहरा और हाथ पैर। ऐसे में आप अपने बच्चे को ज़्यादा रोके नहीं कुछ देर उन्हें ऐसे ही खेलने दें। हो सके तो खुद भी उनके साथ थोड़ी देर खेलें। बाद में आप उन्हें दोबारा से साफ़ सुथरा बना दें।
खाने पीने में नखरे
दो साल तक के बच्चों को ठोस आहार की ज़रुरत होती है तभी उनका विकास ठीक से हो पता है लेकिन कई बच्चे ऐसे होते हैं जो खाने पीने में काफी आनाकानी करते हैं। इस परिस्थिति में माँ ज़बरदस्ती उन्हें खिलाने की कोशिश करने लगती है। आप ऐसा करने की जगह अपने बच्चे के सामने तरह तरह के भोजन रख दें ताकि वह अपनी पसंद का खाना चुन सके।
ज़िद्दी बच्चे
बच्चों के ज़िद्दी स्वभाव से निपटने में माता पिता को कई बार बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि आपका बच्चा ज़्यादा ज़िद्द करे या फिर नखरे दिखाए तो बेहतर होगा आप गूंगे बहरे बनकर अपने फैसले पर अडिग रहें।
किताबें
छोटे बच्चों को रंग बिरंगी चीज़ें बहुत आकर्षित करती है। अपने दो साल के बच्चे को व्यस्त रखने के लिए या फिर उसे नयी चीज़ें सीखाने के लिए आप बाज़ार से रंग बिरंगी चित्रों वाली किताबें ले आएं। इससे बच्चे का मन भी लगा रहेगा और उसके सीखने की जिज्ञासा भी बढ़ेगी।
अनुसाशन
अनुसाशन हर उम्र के लोगों के लिए ज़रूरी होता है। कई बार आपको दो साल के बच्चे को अनुसाशन सीखाने में उतनी दिक्कत नहीं होती जितनी कि 12 साल के बच्चे को समझाने में होती है। ज़्यादातर मौकों पर आपका बच्चा आपकी बात सुनेगा और हो सकता है वह आपकी नक़ल भी करने लगे।
पुरस्कृत करना
यदि आपका बच्चा किसी कार्य को सही ढंग से करे तो आपको चाहिए कि उसे छोटी छोटी बातों पर इनाम दें और उसकी तारीफ भी करें। ऐसे में बच्चे में उस कार्य को उसी ढंग से करने की इच्छा फिर से जागृत होगी।
बच्चे की सुरक्षा
वैसे तो बच्चों की देखभाल में माता पिता को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। यदि आपका बच्चा 2 साल का है तो आपको अतिरिक्त सावधान रहने की ज़रुरत है क्योंकि कई बार आपका बच्चा खुद को ऐसी मुसीबत में डाल लेता है जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
यदि आपका बच्चा दो साल का है तो ज़रूरी नहीं है कि जैसी देखभाल आप उसकी आज कर रहे हैं वैसे ही कल भी करें। वैसे भी यह समय माता पिता के लिए काफी मुश्किलों से भरा होता है। 2 साल तक के बच्चों के अंदर जिज्ञासा बढ़ने लगती है वे नयी नयी चीज़ों को सीखने लगते हैं। इस उम्र में वे चीज़ों को सीखने के साथ उनके बारे में जानने के लिए भी उत्सुक रहते हैं और हर वह चीज़ करना चाहते हैं जो उन्हें पसंद होता है।
ऐसे में माता पिता को हर वक़्त सतर्क रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि कई बार बच्चे ऐसा कुछ कर जाते हैं जो उनकी उम्मीद से काफी परे हो। इसलिए माता पिता को चाहिए कि आप पहले से ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें।
यदि आपका बच्चा दो साल का है तो हमारे पास आपके लिए कुछ आसान पेरेंटिंग टिप्स हैं जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। तो चलिए जानते हैं क्या है वो टिप्स।
धैर्य
अगर आप दो साल के बच्चे के माता पिता हैं तो सबसे पहली चीज़ जो आपको सीखनी होगी वह है धैर्य क्योंकि आप अपने नटखट बच्चे को तो नयी नयी चीज़ें करने से रोक नहीं सकते हैं, ऐसे में आपको बड़ी ही शांति और धैर्य से काम लेने की ज़रुरत होती है। धैर्य वह गुण है जो आपके अन्दर होना बहुत ज़रूरी है।
बच्चे को व्यस्त रखें
जहां तक हो सके आप अपने बच्चे को किताबों या खिलौनों में व्यस्त रखें क्योंकि अगर वे खाली रहेंगे तो उनका ध्यान इधर उधर ज़्यादा जाएगा और वे कई तरह की शैतानियां करके आपको परेशान करते रहेंगे।
मैं करता हूँ
अकसर बच्चों के मुँह से आप ऐसा सुनते होंगे। जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं वह हर चीज़ अपने आप ही करना चाहते हैं। ऐसे में आप उन्हें छोटी मोटी चीज़ों को करने दें लेकिन ध्यान रहे बच्चे जो भी करे वह आपकी निगरानी में ही करें।
साफ़ सफाई
दो साल तक के बच्चों को पूरे दिन साफ़ सुथरा रखना थोड़ा मुश्किल होता है। वो दिन भर में ऐसे कई काम करते हैं जिससे कभी उनके कपड़े गंदे होते हैं तो कभी चेहरा और हाथ पैर। ऐसे में आप अपने बच्चे को ज़्यादा रोके नहीं कुछ देर उन्हें ऐसे ही खेलने दें। हो सके तो खुद भी उनके साथ थोड़ी देर खेलें। बाद में आप उन्हें दोबारा से साफ़ सुथरा बना दें।
खाने पीने में नखरे
दो साल तक के बच्चों को ठोस आहार की ज़रुरत होती है तभी उनका विकास ठीक से हो पता है लेकिन कई बच्चे ऐसे होते हैं जो खाने पीने में काफी आनाकानी करते हैं। इस परिस्थिति में माँ ज़बरदस्ती उन्हें खिलाने की कोशिश करने लगती है। आप ऐसा करने की जगह अपने बच्चे के सामने तरह तरह के भोजन रख दें ताकि वह अपनी पसंद का खाना चुन सके।
ज़िद्दी बच्चे
बच्चों के ज़िद्दी स्वभाव से निपटने में माता पिता को कई बार बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि आपका बच्चा ज़्यादा ज़िद्द करे या फिर नखरे दिखाए तो बेहतर होगा आप गूंगे बहरे बनकर अपने फैसले पर अडिग रहें।
किताबें
छोटे बच्चों को रंग बिरंगी चीज़ें बहुत आकर्षित करती है। अपने दो साल के बच्चे को व्यस्त रखने के लिए या फिर उसे नयी चीज़ें सीखाने के लिए आप बाज़ार से रंग बिरंगी चित्रों वाली किताबें ले आएं। इससे बच्चे का मन भी लगा रहेगा और उसके सीखने की जिज्ञासा भी बढ़ेगी।
अनुसाशन
अनुसाशन हर उम्र के लोगों के लिए ज़रूरी होता है। कई बार आपको दो साल के बच्चे को अनुसाशन सीखाने में उतनी दिक्कत नहीं होती जितनी कि 12 साल के बच्चे को समझाने में होती है। ज़्यादातर मौकों पर आपका बच्चा आपकी बात सुनेगा और हो सकता है वह आपकी नक़ल भी करने लगे।
पुरस्कृत करना
यदि आपका बच्चा किसी कार्य को सही ढंग से करे तो आपको चाहिए कि उसे छोटी छोटी बातों पर इनाम दें और उसकी तारीफ भी करें। ऐसे में बच्चे में उस कार्य को उसी ढंग से करने की इच्छा फिर से जागृत होगी।
बच्चे की सुरक्षा
वैसे तो बच्चों की देखभाल में माता पिता को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। यदि आपका बच्चा 2 साल का है तो आपको अतिरिक्त सावधान रहने की ज़रुरत है क्योंकि कई बार आपका बच्चा खुद को ऐसी मुसीबत में डाल लेता है जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।