Independence Day Speech for Principal in Hindi

Long and Short Speech on Independence Day for Principal in Hindi: क्या आप स्वतंत्रा दिवस कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं? और क्या आपको समझ नहीं है आ रहा कि इसकी शुरूआत कैसे करें? तो चिंता मत करिये क्योंकि हम यहां आपके समस्यओं के समाधान के लिए उपस्थित हैं! हम भाषण के महत्व को समझते हैं और इसलिए इस अवसर से संबंधित विभिन्न प्रकार के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के साथ हम अपकी सहायता के लिए सदैव तत्पर हैं। दरअसल, इस अवसर को संबोधित करने के लिए प्रधानाचार्य या मुख्य शिक्षक द्वारा दिया गया भाषण एक विशेष महत्व रखता है, क्योकि यह एक शैक्षणिक संस्थान का सबसे बड़ा पद होता है।
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स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए लंबे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on Independence Day for Principal in Hindi)

यहां प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर लंबे तथा छोटे दोनो प्रकार के भाषण दिये गये है जो आपके अपने श्रोताओ पर लम्बे समय तक प्रभाव डालने में सहायक सिद्ध हो सकते है। इस तरह के अन्य उपयोगी विषयों की अधिक जानकारी के लिए आप हमारे वेबसाइट पर दिये गये सामग्री का इस्तेमाल कर सकते है।

Speech on Independence Day in Hindi  स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण – 1

सर्वप्रथम मैं इस अवसर पर सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और प्यारे छात्रों हार्दिक अभिनंदन करता हुं - मुझे उम्मीद है कि आपका आज का यह दिन बेहद यादगार होने वाला हैं।

पिछले 7 सालों से मैं प्रधानाचार्य के रूप में इस विद्यालय की सेवा कर रहा हूं और इन सभी वर्षों में हमारे स्कूल ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव का अनुभव किया है, लेकिन सभी बाधाओं के बावजूद भी हम आज यहां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए एकजुट हुए हैं। आज मुझे आप सभी के सामने यहां खड़े होकर  स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने पर अत्यन्त खुशी महसुस हो रही है। ये 72 वां स्वतंत्रता दिवस हमारे द्वारा तय किये जा चुके एक लंबे सफर को दर्शाता हैं। आज ही के दिन हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्षों तक संघर्ष करने के बाद स्वतंत्रता हासिल करने तथा हमारे देश को अंग्रेजों के गुलामी से आजादी दिलाने में सफलता प्राप्त की।

भारतीय रूप में हमारी पहचान "विविधता में एकता" यानी विविध संस्कृति, धर्म और भाषा की भूमि के प्रतीक के रुप में दर्शायी जाती है। भारत में लगभग 325 भाषाएं बोली जाती है जिनमे से 18 आधिकारिक भाषाएं हैं। हम विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ यहां मिल जुल कर रहते हैं और सभी प्रकार के त्योहारों को उत्साह के साथ मनाते है।

असल में, हमारे देश में सभी धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है और इसलिए यहां अतीथी को देवताओ के समान सम्मानित किया जाता है और उन्हें अतीथी देव भवः द्वारा सम्बोधित किया जाता है। एक बार सांस्कृतिक वार्ता में शामिल होने के दौरान, हम अपनी खुद की भारतीय परंपरा और मूल्यों को कभी नहीं भूलते और उन्हें बरकरार रखते हैं। पिछले 71 वर्षों में, हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक के रूप में उभरा है और अब तक, हम एक राष्ट्र के रूप में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, दूरसंचार उद्योग के साथ हरित क्रांति जैसे क्षेत्रो में खुद को साबित कर चुके हैं और वर्तमान में, हम मजबूत एक आईटी हब बनने की दिशा की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

भले ही हमें स्वतंत्रता प्राप्त किये हुए कई वर्ष बीत चुके हैं, परन्तु हमें अपनी मातृभूमि को मुक्त कराने वाले नेताओं के बलिदानों को कभी नहीं भूलना चाहिए। महात्मा गांधी जिन्हें अक्सर हम बापू के नाम से संबोधित करते हैं उस महान आध्यात्मिक गुरु द्वारा दिखाये गये है। हमे अहिंसा आंदोलन पर आधारित भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी याद रखना चाहिए। हमारी आजादी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह किसी भी आक्रामक प्रथाओं के माध्यम के बिना दृढ़ निश्चय के साथ जीता गया था। आज भी, इस राष्ट्र को विविध मूल्यों और संस्कृतियों को एक शान्त मिलाप के रूप में जाना जाता है।

दूसरी ओर, हमने जाति, वर्ग और लिंग जैसे विभिन्न आधारों पर गरीबी, भ्रष्टाचार और भेदभाव जैसे गंभीर समस्याओं का सामना किया है, जिसने विभिन्न प्रकार के समास्याओ को विकसित किया है, जिससे हमारा देश अविकसित देशों की सूची में गिना जाता है। हालांकि, फिर भी हम अपने मूल अधिकारों को पाने और समाज से इन सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई सामाजिक सहायक समूह के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे गैर सरकारी संगठन भी इन सामाजिक बुराइयों को दूर करने तथा समाज के वंचित वर्ग को आगे लाने एवं आवश्यक कार्यो में सहायता कर रहे है। हालांकि, यह दौर हमारे देश के विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

तो चलिए इस बेहतरीन दिन को अति उत्साह के साथ मनाते हैं और उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जहां हम एक राष्ट्र के रूप में कमी महसूस करते हैं तथा खुद को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास करते हैं।

बस मैं इतना कहते हुए आप सब से विदा लेना चाहुंगा और मेरी बातों को एक अच्छे श्रोता के रुप में सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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Speech on Independence Day of India for Principal स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण - 2
नमस्कार! मैं, इस कॉलेज का प्रधानाचार्य स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उप-प्रधानाचार्य, शिक्षक, कर्मचारी और मेरे प्रिय छात्रों का स्वागत करता हुँ।

हर साल, हम हमारे शिक्षकों तथा छात्रों के साथ स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर को सभी के लिए यादगार बनाने का प्रयास करते हैं। और हमेशा की तरह मैं इतने सीमित समय में आपके द्वारा किए गए व्यवस्था और तैयारियों को देखते हुए आपकी प्रशंसा और सराहना करना चाहुंगा।

लेकिन इससे पहले कि हम इस उत्सव की शुरूआत करें, मैं इस शुभ दिन पर आप सभी से कुछ शब्द कहना चाहूंगा। मैं सबसे पहले छात्रों से ये पूछना चाहता हूं कि वास्तव में स्वतंत्रता दिवस उनके लिए क्या महत्व रखता हैं। क्या यह उनके लिए केवल एक स्वतंत्र व्यक्ति के रुप में जीवन जीने के उनकी स्वतंत्रता को दर्शाता हैं? अगर ऐसा ही है तो मैं आपको बता दूं कि आप एक भ्रम में जी रहे हैं क्योंकि स्वतंत्रता के साथ कई जिम्मेदारियां जुड़ी होती हैं और जिम्मेदारियों के बिना स्वतंत्रता केवल अराजकता की ओर ले जाती है और फिर विनाश का कारण बनती है। हालांकि मुझे उम्मीद है कि हम कभी भी अपने जीवन और समाज में अराजकता नहीं चाहेगें। अतः ये हमारे देश के नागरिक के रूप में हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझने के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। जिससे हम अपने जीवन को और अधिक अच्छा बना सकते है।

इस साल यानी 2018 का स्वतंत्रता दिवस हमारे आजादी का 72 वां वर्षगाठ के रुप में मनाया जाएगा। इस दिन हमे अंग्रेजों से आजादी तो प्राप्त हुई पर जाते-जाते उन्होने हमारे राष्ट्र की पूरे धन-संपदा लूटकर इसे खोखला कर दिया था। इसीलिए ये सभी वर्ष हमारे लिए इतने भी आसान नहीं थे अपनी आजादी के बाद भी हमारे देश को दृढ़ता के साथ खड़े होने का के लिये आधारस्तंभ की आवश्यकता थी हमें हर चीज की फिर से शुरुआत करने की आवश्यकता थी। उस दौरान देश के नागरिकों के अधिकारों के लिए कानून और संवैधानिक ढांचो का निर्माण किया जा रहा था। लेकिन धीरे-धीरे हम इन सभी कठिनाईयों और बाधाओ को पार किया और अंत में सफलता प्राप्त की।

आज के समय में हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्रों की सूची में गिना जाता हैं। जहां नागरिकों के अधिकारों से समझौता नहीं किया जाता। यहां हर नागरिक को अपनी बात रखने तथा दूसरों के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना, पर कार्य करने का अधिकार होता है। अभी हमारा देश एक विकासशील देश है, न कि विकसित देश। हालांकि अभी भी हमे काफी लम्बा सफर बचा है और यह हमारे देश की युवा शक्ति ही हैं, जो इस देश में अनुकूल परिवर्तन ला सकती है और इसे समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं।

ऐसे कई गंभीर क्षेत्र हैं जिनपर हमे ध्यान देने की आवश्यकता है। आप आने वाले भविष्य हैं, आप लोगों में से ही कुछ आगे चलकर डॉक्टर बन जाएंगे, कुछ इंजीनियर, कुछ शिक्षक और कुछ अन्य तरह के पेशो को अपनायेंगे। लेकिन हमेशा एक बात याद रखें, की आप कभी अपने सिद्धांतों से समझौता न करे और एक ईमानदार, जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने जीवन को नियंत्रित कर देश की सेवा करते रहे। वास्तव में यहीं से आपकी वास्तविक स्वतंत्रता की शुरुआत होती है।

बस मैं इतना ही कहना चाहता था और मेरी बातों को एक अच्छे श्रोता के रुप में सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

Speech on Independence Day of India for Principal प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण - 3
नमस्कार, हमारे स्कूल में स्वतंत्रता दिवस समारोह में आप सभी का स्वागत है!

मैं –  आपका नाम - इस विद्यालय की प्रधानाचार्य! हमारे सम्मानित मुख्य अतिथि और हमारे छात्रों के माता-पिता का ऐसे शुभ अवसर पर उपस्थिति होने तथा उत्सव में शामिल होने के लिए विशेष रुप से धन्यवाद करना चाहती हुं। स्वतंत्रता दिवस के उत्सव शुरू करने से पहले मैं इस अवसर से सम्बंधित आप सभी से कुछ शब्द कहना चाहती हुं।

मैं चाहती हूं, कि आप यह जान लें कि यह स्वतंत्रता हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कड़ी मेहनत के पश्चात हासिल हुई है। इस आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानियों ने न केवल अपना खून बहाया था, बल्कि इसके लिये उन्होंने अपने जीवन और परिवार का भी त्याग कर दिया था। उनके इन बलिदानों के मुल्यों को हमें कभी नहीं भुलना चाहिए और उनकी याद में हमें इस दिन को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होने के नाते हमें इस दिन को जश्न के रुप में मनाना चाहिए। परन्तु उत्सव से पहले हमें महात्मा गांधी, शहीद भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, दादाभाई नौरोजी, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

यह सभी स्वतंत्रता सेनानी शानदार व्यक्तित्व के धनी थे जो दृढ़ता, धीरज, धैर्य, साहस तथा अपने महान कार्यो के लिए जाने जाते है। अपनी मानसिक शक्ति और दृढ़ विश्वास के आधार पर उन्होंने स्वतंत्रता के लिए एक लम्बे कठिनाई भरे समय अवधि तक संघर्ष किया। उन्होंने अंग्रेजों के हाथों अपमान, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना किया, लेकिन फिर भी उन्होंने इसके बारे में कभी कोई चर्चा नहीं की और विदेशी ब्रिटिश हुकूमत के साथ-साथ उनके शासन का विरोध करना जारी रखा।

इसालिए हमें स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किये गये संघर्ष अवधि को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमें  हमारे पूर्वजो के बलिदान के मूल्यों पर गंभीरता के साथ सोचना चाहिए। हमें स्वतंत्रता के साथ अपनी कल्पनाओं और हमारी सभी इच्छाओं को पंख दे पाने के लिए तथा स्वतंत्र राष्ट्र में पैदा होने के लिए खुद को बेहद भाग्यशाली समझना चाहिए।

हमारे देश के सुधार के लिए हमारे कंधों पर अनेक जिम्मेदारियां हैं और हमे इन जिम्मेदारियों को जल्द से जल्द पुरा करने का आवश्यक्ता है क्योंकि हम अभी भी एक प्रगतिशील देशों की श्रेणी में गिने जाते हैं ना की विकसित देशों के रुप में। हालांकि अभी हमारे पास तय करने के लिए एक लंबा रास्ता है। हमें भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमारे पूर्वजों के सपनों और बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। हमें हमारे देश से भ्रष्टाचार और सभी सामाजिक बुराइयों को मुक्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए। आइए हम अपनी मातृभूमि के लिए एक ऐसी व्यव्स्था का निर्माण करने का संकल्प ले, जिसमें सभी बराबर हो, किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो। जहां हमारे देश की प्रत्येक महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस करे सके तथा प्रत्येक बच्चे को बुनियादी शिक्षा अवश्य प्राप्त हो सके।

आइए हम सभी मिलकर एक बेहतर कल का निर्माण करे।

मुझे बस आप सब से इतना ही कहना था।

आप सभी का बहुत धन्यवाद!

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