बैंक लोन का फायदा और नुकसान Pros and Cons of Bank Loan In Hindi

Loan मतलब कर्ज और यह सही नहीं है. कर्ज लेना बुरी बात है. अपनी जरूरत उतनी ही होनी चाहिए जिसे हम पूरा कर कर सकें यदि जरूरत को पूरा करने के लिए लोन लेना पड़ता है तो उसे लौटने का का रास्ता भी होना चाहिए. लोन लेने के बाद लोन के साथ ब्याज भी चुकाना होता है. यदि आपने महाभारत देखा हो तो जब यक्ष युद्धिष्ठिर से पूछता है इस दुनिया में सुखी कौन है? तो युद्धिष्ठिर का जवाब “जिसके ऊपर कोई कर्ज नहीं है वह सबसे सुखी इन्संन है.” लेकिन आज के समय में लोन के बिना कुछ भी नहीं होता है. अब तो 15000 की मोबाइल खरीदने के लिए भी लोन लेना मिल जाता है और लोग धरल्ले से ले रहे हैं.
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इस महंगाई के दौर में रोटी के लिए संघर्ष करने में लोगो की ज़िन्दगी गुजर जाती है, ऐसे समय में कोई ऐसा काम करना जो हमारी आर्थिक पहुँच से बाहर है, काफी कठिन है. ऐसे समय में बैंक हमारे लिए किसी फरिश्ते की तरह काम नहीं है. चाहे लोन किसी बिजनेस को शुरू करने के लिए चाहिए हो या शिक्षा के लिए, परिवहन से लेकर आशियाना बसाने तक, बैंक हर क्षेत्र में मददगार हैं. उधार लेने और देने की प्रथा कई सालों पुरानी है, अगर मदर इंडिया फ़िल्म देखी हो तो आप जानते ही होंगे कि उस जमानें में साहूकार और जमींदार कर्ज दिया करते थे, पर उनकी ब्याज दरें और उनका सिस्टम काफी जटिल था, जबकि आज के समय में लोन लेना और चुकाना काफी सरल प्रक्रिया है. हालांकि हम सब जानते हैं कि लोन के मामले में बैंक काफी मददगार है, पर जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह कई सारी खामियां भी हैं जो बैंक की प्रणाली में पाई जाती हैं. आज हम उन्ही बिंदुओं के बारें में जानेंगें.यह पोस्ट आप hinditipszone.com पर पढ़ रहे है पोस्ट पसंद आये तो शेयर करना नही भूले.

क्या हैं बैंक लोन के नुकसान और फायदें
बैंक लोन के फायदें

  • बैंक कई तरीके से लोन देती है, यदि बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं, तब बिजनेस लोन ले, शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण, कार लोन, होम लोन. बैंक लोन के अलग अलग प्रकार, अलग अलग तरह की प्रणाली रखते हैं, जैसे यदि शिक्षा लोन लेते हैं तब लोन शिक्षा पूर्ण होने के उपरांत चुकाना होगा. अंततः लोन की अवधी समय सीमा, शर्तें, और ईएमआई उसके प्रकार पर निर्भर करती हैं.
  • यदि लोन किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए लेते हैं, तब अलग अलग शर्तों का सामना करना होगा. पर अक्सर इनमें कई फायदें छुपे होते हैं, जैसे यदि बिजनेस लोन लेते है, उसके दो लेवल हैं, शुरुआती और बिज़नस बढ़ने के लिए यदि शुरुआती तौर पर लेते हैं, तो बैंक ईएमआई को काफी कम रखता है, समय सीमा को ज्यादा रखता है. ये सब सहुलियत के अनुसार होता है, ताकि लोन की ओर से निश्चिंत रह कर अपने बिजनेस को नए आयाम दे सकें.
  • कई बैंक नें अपने ग्राहकों को लोन लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई सारी स्कीम चलाई हुई हैं. जिन स्कीम में कभी ईएमआई कम तो कभी अवधी ज्यादा या कम होती है. ऐसे स्कीम के चलते लोन लेने पर लगभग लोन हर किसी की पहुँच में आ चुके हैं, और इससे हर व्यक्ति को लगभग फायदा हो रहा है.
  • बैंक लोन लेना काफी हद तक आसान है, दस्तावेज जो बैंक लोन के लिए चाहिए होते हैं, वो जुटाना कोई कठिन कार्य नहीं. कई बैंक अब गारंटी भी नहीं मांगते इससे लोन के लिए किसी अन्य से सिफारिश करने की भी जरूरत नहीं है.
अब फायदे तो आपने पढ़ लिए और मेरे ख्याल में लगभग हर व्यक्ति इन्हीं फायदों के कारण बैंक की ओर आकर्षित रहता है, पर अब वे नुक्सान जो बैंक लोन लेने से आपको हो सकते हैं.

बैंक लोन के नुकसान

  • बैंक लोन लेने के लिए दस्तावेज जो चाहिए होते हैं, वो आसानी से जुट जातें हैं पर बैंक को उन दस्तावेजों के लिए मनाना काफी कठिन होता है. उदाहरण से समझें तो यदि आपका नाम किसी दस्तावेज में मिस मैच कर गया तो आपको बैंक के कई चक्कर भी काटने पड़ सकतें है, और अंततः आपका लोन रद्द भी किया जा सकता है.
  • लोन लेना काफी आसान है इसीलिए लगभग हर दूसरा व्यक्ति लोन के लिए आवेदन कर देता है, पर लोन देने वाले बैंक या संस्था इस बात पर पैनी नजर रखते है कि कौन जरूरतमंद है या कौन नहीं. अक्सर लोन के लिए आवेदित साठ प्रतिशत लोगों के लोन आवेदन रद्द कर दिये जातें हैं. कई बार कुछ दस्तावेजों की कमी, दस्तावेजों की गडबड़ी इसका कारण होती है. कुछ अन्य कारण जैसे पुलिस केस, क्रिमिनल रिकॉर्ड, या पहले का बकाया भी इनमें शामिल है.
  • जब कभी ऐसे हालात उत्पन्न होते हैं जब आप ईएमआई चुकता करने में अपना ब्याज चुकता करने में, या लोन भरने में असमर्थ पाए जाते हैं, तब बैंक काफी कड़ा रवैया अपनाता है.
  • बैंक के पास पूरा अधिकार होता है कि वह आपकी प्रोपर्टी या अन्य किसी जायदाद को नीलाम कर सकता है. उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति बैंक लोन से कार लेता है, और उसका लोन चुकता करने में असमर्थ हैं, तब बैंक उसकी कार को नीलाम करके अपनी रकम वसूल करने का पूरा हक़ रखता है. इसीलिए कार लोन हमेशा 80-90% ही दिया जाता है.
  • बिन्दु नंबर तीन में जिस हालत की बात की गई है, जब लोन लेने वाला लोन चुकाने में असमर्थ है या किसी कारणवश वह लोन नहीं चुका सकता है, तब गिरवी राखी गई प्रॉपर्टी बेच भी सकता है. हालांकि आज के दौर में कई बैंक गारंटेर और गिरवी वस्तु वाली प्रणाली फॉलो नहीं करते पर यदि आपने ऐसे किसी बैंक को चुना है, तब उस हालत में आपके गारेंटर को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
  • अगर आपने कभी कहीं किसी बैंक से कोई पुराना लोन लिया है तब दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. आपको नया लोन लेने के लिए कई क्लियरेंस और तमाम प्रक्रियाओं में शामिल होना पड़ेगा जो काफी कठिन हैं और अगर रिकॉर्ड खराब पाया जाता है, तब लोन अर्जी कैंसिल भी हो सकती है.

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