असम में बिहू त्योहार सबसे ऊपर मनाया जाता है। काटी बिहू या कोंगाली बिहू भी इसी का एक अंग है। ये बिहु हर साल अक्टूबर महीने में आता है। इस बिहु में थोड़ा कम उल्लास और हर्ष होता है। इस महीने में घरों में रखा अनाज लगभग खत्म हो जाता है, इसलिये असमी लोग अनाज भंडार, तुलसी, और धान के खेत के पास मिट्टी का दीया जलाते हैं। काटी बिहु थोड़ा गंभीरता और विचार विमर्श करने वाला पर्व है। जहां पुरानी फसल का अनाज खत्म हो चुका होता है और लोग अपने देवता की प्रार्थना करते हुए उनसे अच्छी फसल होने की कामना करते हैं। माता लक्ष्मी की मुख्यत: पूजा की जाती है।
परंपराएं
काटी बिहु के दौरान खेतों में दीये तो जलाए ही जाते हैं साथ ही में किसान अपने खेतों में बांस के डंडे से आकाश दीप लगाते हैं। ये आकाश दीप आत्माओं को स्वर्ग की तरफ रास्ता दिखाने के लिये जलाए जाते हैं।
इस बार काटी बिहु 2018, 18 अक्टूबर (गुरुवार) को है! धन्यवाद् !
परंपराएं
काटी बिहु के दौरान खेतों में दीये तो जलाए ही जाते हैं साथ ही में किसान अपने खेतों में बांस के डंडे से आकाश दीप लगाते हैं। ये आकाश दीप आत्माओं को स्वर्ग की तरफ रास्ता दिखाने के लिये जलाए जाते हैं।
इस बार काटी बिहु 2018, 18 अक्टूबर (गुरुवार) को है! धन्यवाद् !