दिवाली के इस खास उत्सव को मनाने के लिये हिन्दू धर्म के लोग बेहद उत्सुकता पूर्वक इंतजार करते है। ये बहुत ही महत्वपूर्णं त्योहार है, खास तौर से घर के बच्चों के लिये। इसलिये इस निबंध के द्वारा हमें अपने बच्चों को दीपावली की महत्ता और इतिहास से अवगत कराना चाहिए जिससे उन्हें घर और बाहर इसके अनुभवों का प्रयोग कर सकें।
दिपावली पर निबंध (Long and Short Essay on Diwali in Hindi)
दिवाली निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना
हिन्दू धर्म के लिये दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसमें कई सारे संस्कार, परंपराएं और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इसे सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेशों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव से जुड़ी कई सारी पौराणिक कथाएँ है। इस कहानी के पीछे भगवान राम की राक्षस रावण पर जीत के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रुप में भी देखा जाता है। उस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या थी। घने अंधकार में प्रकाश करने के लिए अयोध्या वासियों ने दिए जलाए थे। तब से यह दिन हर साल सभी भारतीय प्रकाश पर्व (दीपावली) के रूप में मनाते हैं
देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा
देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधेरों को दूर करने के लिये लोग अपने घरों और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते है। इस दौरान सभी मजेदार खेलों का हिस्सा बनकर, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुप्त उठा कर और दूसरी कई क्रियाओं में व्यस्त रहकर इस पर्व को मनाते है। सरकारी कार्यालयों को भी सजाया और साफ किया जाता है। मोमबत्ती और दीयों के रोशनी के बीच साफ-सफाई की वजह से हर जगह जादुई और सम्मोहक लगती है।
लोग इस पर्व को अपने परिजनों और खास मंत्रों के साथ मनाते है। इसमें वो एक-दूसरे को उपहार, मिठाइयाँ और दीपावली की बधाई देकर मनाते है। इस खुशी के मौके सभी भगवान की आराधना कर, खेलों के द्वारा, और पटाखों के साथ मनाते हैं। सभी अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रियजनों के लिये नये कपड़े खरीदते है। बच्चे खास तौर से इस मौके पर चमकते-धमकते कपड़े पहनते है।
निष्कर्ष
सूर्यास्त के बाद धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ-सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है। भारत त्यौहारों का देश है, यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्यौहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है। दीपों का त्यौहार दीपावली दीवाली जैसे अनेक नामों से पुकारा जाने वाला आनन्द और प्रकाश का त्यौहार है।
दिवाली निबंध 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना
दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश के बाहर विदेश में भी मनाया जाता है। इसे भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
भगवान राम की वापसी के बाद, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह से अपने घरों और रास्तों को सजा दिया। ये एक पावन हिन्दू पर्व है जो बुराई पर सच्चाई की जीत के प्रतीक के रुप में है। इसे सिक्खों के छठवें गुरु श्रीहरगोविन्द जी के रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है, जब उनको ग्वालियर के जेल से जहाँगीर द्वारा छोड़ा गया।
दीपावली कब-क्यों मनाई जाती है?
ये पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है जिसमें दीवाली पर्व रोशनी फ़ैला ने का काम करती है। वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है। इस दिन बाजारों में खासा भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है। दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है।
दीवाली उत्सव की तैयारी
दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है, दीवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में साफ़ सफाई शुरू हो जाती है। लोग अपने घर का सज-सज्जा करते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है।
देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है साथ ही व्यापारी लोग अपने नया बही खाता से शुरुआत करते है।
निष्कर्ष
दीपावली, हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दीवाली नाम दिया गया। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महा पर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौनक से प्रकाशमय कर देता है। दीवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नया सत्र की शुरुआत भी होती है।
दिपावली पर निबंध (Long and Short Essay on Diwali in Hindi)
दिवाली निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना
हिन्दू धर्म के लिये दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसमें कई सारे संस्कार, परंपराएं और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इसे सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेशों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव से जुड़ी कई सारी पौराणिक कथाएँ है। इस कहानी के पीछे भगवान राम की राक्षस रावण पर जीत के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रुप में भी देखा जाता है। उस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या थी। घने अंधकार में प्रकाश करने के लिए अयोध्या वासियों ने दिए जलाए थे। तब से यह दिन हर साल सभी भारतीय प्रकाश पर्व (दीपावली) के रूप में मनाते हैं
देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा
देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधेरों को दूर करने के लिये लोग अपने घरों और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते है। इस दौरान सभी मजेदार खेलों का हिस्सा बनकर, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुप्त उठा कर और दूसरी कई क्रियाओं में व्यस्त रहकर इस पर्व को मनाते है। सरकारी कार्यालयों को भी सजाया और साफ किया जाता है। मोमबत्ती और दीयों के रोशनी के बीच साफ-सफाई की वजह से हर जगह जादुई और सम्मोहक लगती है।
लोग इस पर्व को अपने परिजनों और खास मंत्रों के साथ मनाते है। इसमें वो एक-दूसरे को उपहार, मिठाइयाँ और दीपावली की बधाई देकर मनाते है। इस खुशी के मौके सभी भगवान की आराधना कर, खेलों के द्वारा, और पटाखों के साथ मनाते हैं। सभी अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रियजनों के लिये नये कपड़े खरीदते है। बच्चे खास तौर से इस मौके पर चमकते-धमकते कपड़े पहनते है।
निष्कर्ष
सूर्यास्त के बाद धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ-सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है। भारत त्यौहारों का देश है, यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्यौहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है। दीपों का त्यौहार दीपावली दीवाली जैसे अनेक नामों से पुकारा जाने वाला आनन्द और प्रकाश का त्यौहार है।
दिवाली निबंध 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना
दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश के बाहर विदेश में भी मनाया जाता है। इसे भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
भगवान राम की वापसी के बाद, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह से अपने घरों और रास्तों को सजा दिया। ये एक पावन हिन्दू पर्व है जो बुराई पर सच्चाई की जीत के प्रतीक के रुप में है। इसे सिक्खों के छठवें गुरु श्रीहरगोविन्द जी के रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है, जब उनको ग्वालियर के जेल से जहाँगीर द्वारा छोड़ा गया।
दीपावली कब-क्यों मनाई जाती है?
ये पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है जिसमें दीवाली पर्व रोशनी फ़ैला ने का काम करती है। वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है। इस दिन बाजारों में खासा भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है। दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है।
दीवाली उत्सव की तैयारी
दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है, दीवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में साफ़ सफाई शुरू हो जाती है। लोग अपने घर का सज-सज्जा करते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है।
देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है साथ ही व्यापारी लोग अपने नया बही खाता से शुरुआत करते है।
निष्कर्ष
दीपावली, हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दीवाली नाम दिया गया। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महा पर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौनक से प्रकाशमय कर देता है। दीवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नया सत्र की शुरुआत भी होती है।