Dhanvantari Puja Vidhi Hindi । धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस का त्यौहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान धन्वन्तरि की पूजा करते हैं और यमराज के लिए दीप देते हैं। धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस का पर्व आयुर्वेद के देवता के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
धनतेरस (Dhanteras) 
साल 2018 में धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार 05 नवंबर को मनाया जाएगा।

लक्ष्मी-कुबेर पूजा मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat): शाम 06:05 से लेकर रात्रि 08:01

प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 05:29 से लेकर रात्रि 08:07

धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi in Hindi) 
स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को प्रदोषकाल में घर के दरवाजे पर यमराज के लिए दीप देने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। इस दिन पूरे विधि- विधान से देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा (Dhanteras Puja Vidhi) करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन प्रदोषकाल में लक्ष्मी जी की पूजा करने से वह घर में ही ठहर जाती हैं।

धनतेरस मंत्र (Dhanteras Mantra Hindi)
दीपदान के समय इस मंत्र का जाप करते रहना चाहिए:
मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात सूर्यज: प्रीयतामिति॥

इस मंत्र का अर्थ है:
त्रयोदशी को दीपदान करने से मृत्यु, पाश, दण्ड, काल और लक्ष्मी के साथ सूर्यनन्दन यम प्रसन्न हों। इस मंत्र के द्वारा लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं।

धनतेरस के दिन खरीदारी (Shopping on Dhanteras)  
कई लोग इस दिन लक्ष्मी जी और कुबेर जी की भी पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-कुबेर जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी धन वैभव की कमी नहीं होती। इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन विशेषकर बर्तनों और गहनों आदि की खरीदारी की जाती है। इस दिन निम्न चीजें अवश्य खरीदना शुभ माना जाता है:
•    बर्तन
•    चांदी के लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति
•    कुबेर जी की प्रतिमा
•    लक्ष्मी या श्री यंत्र
•    कौड़ी और कमल गट्टा

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