धनतेरस 5 नवम्बर 2018 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। भारतीय कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने के कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि, सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा शुरू हुई।
ज्योतिर्विद् पं.दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस दिन स्थिर लग्न में बर्तन आदि सहित कोई भी धातु खरीदना शुभफल दायक होता है। त्रयोदशी तिथि का मान 04 नवम्बर 2018 दिन रविवार को रात में 12:51बजे से 5 नवम्बर 2018 दिन सोमवार की रात 11:17 बजे तक है | अर्थात त्रयोदशी तिथि अर्थात धन त्रयोदशी तिथि 05 नवम्बर 2018 दिन सोमवार को सूर्योदय से रात 11:17 तक रहेगा। अतः गृहोपयोगी सामान त्रयोदशी तिथि के स्थिर लग्न में खरीदना श्रेयस्कर होता है। इस दिन सम्पूर्ण दिन उत्तरा हस्त नक्षत्र, विष्कुम्भ योग एवं वज्र योगा व्याप्त रहेगी।
ज्योतिर्विद् पं.दिवाकर त्रिपाठी ने बताया की इस दिन स्थिर लग्न में की गयी खरीदारी अति शुभफल दायक होती है ---
त्रयोदशी तिथि में स्थिर लग्न
(1) :- सुबह 07:07 से 09:15बजे तक
(2) :-दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक
(3) :- रात 05:35 से 07:30 बजे तक
होने के कारण इस बीच की गयी खरीदारी शुभफल दायी होता है |
इस दिन लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त्त प्रदोष काल एवं वृष लग्न 05:35 से 07:30 बजे रात तक है।
इस दिन शुक्र तुला राशि मे स्वगृही होकर मालव्य योग के साथ विद्यमान है तथा मंगल अपनी उच्च राशि मकर में विद्यमान रहेंगे, देव गुरु बृहस्पति मंगल की राशि वृश्चिक में विद्यमान होंगे जो पूर्ण शुभफल दायक होंगे और व्यापारिक वृद्धि एवं चमक धमक में वृद्धि होगी।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
ज्योतिर्विद् पं.दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस दिन स्थिर लग्न में बर्तन आदि सहित कोई भी धातु खरीदना शुभफल दायक होता है। त्रयोदशी तिथि का मान 04 नवम्बर 2018 दिन रविवार को रात में 12:51बजे से 5 नवम्बर 2018 दिन सोमवार की रात 11:17 बजे तक है | अर्थात त्रयोदशी तिथि अर्थात धन त्रयोदशी तिथि 05 नवम्बर 2018 दिन सोमवार को सूर्योदय से रात 11:17 तक रहेगा। अतः गृहोपयोगी सामान त्रयोदशी तिथि के स्थिर लग्न में खरीदना श्रेयस्कर होता है। इस दिन सम्पूर्ण दिन उत्तरा हस्त नक्षत्र, विष्कुम्भ योग एवं वज्र योगा व्याप्त रहेगी।
ज्योतिर्विद् पं.दिवाकर त्रिपाठी ने बताया की इस दिन स्थिर लग्न में की गयी खरीदारी अति शुभफल दायक होती है ---
त्रयोदशी तिथि में स्थिर लग्न
(1) :- सुबह 07:07 से 09:15बजे तक
(2) :-दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक
(3) :- रात 05:35 से 07:30 बजे तक
होने के कारण इस बीच की गयी खरीदारी शुभफल दायी होता है |
इस दिन लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त्त प्रदोष काल एवं वृष लग्न 05:35 से 07:30 बजे रात तक है।
इस दिन शुक्र तुला राशि मे स्वगृही होकर मालव्य योग के साथ विद्यमान है तथा मंगल अपनी उच्च राशि मकर में विद्यमान रहेंगे, देव गुरु बृहस्पति मंगल की राशि वृश्चिक में विद्यमान होंगे जो पूर्ण शुभफल दायक होंगे और व्यापारिक वृद्धि एवं चमक धमक में वृद्धि होगी।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)