26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण Gantantra Diwas Bhashan in Hindi

26 जनवरी गणतंत्र दिवस Gantantra Diwas 2019 : आदरणीय गुरुजन गण मेरे प्यारे भाई और बहिनों हम सभी को पता है की आज हम यहाँ क्यों इकठे हुए | हम यहाँ भारत का 69 वॉ गणतंत्र दिवस Gantantra Diwas मानाने जा रहे है |इस ख़ुशी के मोके पर में आप सभी को बताना चाहता हु की भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिली थी और इसके लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागु किया था | इसी दिन से भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था |

पहली बार राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी ने 4 नवम्बर 1947 को सविंधान पहली रुपरेखा तैयार की गयी थी | 26 जनवरी 1950 को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में राष्ट्रीय सभा द्वारा भारतीय संविधान की रूपरेख पर हस्ताक्षर किये गये थे | उसी दिन से यानि 26 जनवरी 1950 से भारत का संविधान अस्तित्व में आया था | तब से आज तक प्रतेक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की शुरुवात हुई थी | जबकि भारत का इतिहास बहुत बड़ा है

भारत को गणतंत्र देश इस लिय कहा गया है क्योकि देश की सर्वोच्च शक्ति को चुनने का अधिकार केवल देश की जनता के पास है | जहा देश की जनता अपना नेता प्रधानमंत्री चुन सकती है | भारत में पूर्ण स्वराज के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न कारण पड़े और वो इस भारत जैसे बड़े देश को आगे लेकर जा सके |

हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने भारत की आजादी में अंग्रेजों के खिलाफ़ लगातार संघर्ष करके हमें आजादी दिलाई थी | इन महान नेताओ के समर्पण को हम कभी भी नहीं भूल सकते इसी अवसर पर हम इन नेताओ को याद करते है और उन्हें सलामी दी जाती है | जबकि हर साल एक भव्य मार्च पास्ट इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक आयोजित की जाती है | इस मार्च पास्ट में भारतीय तीनो सेनाओ वायुसेना, नौसेना, थल सेना द्वारा अपना करतब दिखाया जाता है | इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे भी भाग लेते हैं | मार्च पास्ट शुरू होने पर भारत के प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति को पुष्प माला पहनते हैं | इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है |

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस Gantantra Diwas समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज National Flag को फहराया जाता हैं | इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर भारतीय राष्ट्रगान गाया जाता है |भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ 3 रंग व 24 बराबर तीलियों के साथ बीचो बीच में एक चक्र है | राष्ट्रीय ध्वज़ National Flag के सभी तीन रंगों का अपना अलग -अलग अर्थ है | सबसे उपर 1 . केसरिया रंग जो देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है | 2. मध्य में सफेद रंग जो शांति को प्रदर्शित करता है | 3. सबसे नीचे का हरा रंग जो वृद्धि और समृद्धि का सूचक है | तिरंगे के मध्य 24 तीलिया वाला एक नेवी रंग का चक्र है जो महान सम्राट अशोक के धर्म को प्रदर्शित करता है |

इसके बाद विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं | प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता उनके लोक गीत व कला का प्रदशर्न किया जाता है | इस मार्च पास्ट का सीधा प्रसरण टेलीवजन पर किया जाता है जिसे दुनिया के प्रतेक कोने में देखा जाता है | जबकि भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये भाषण को सुनने के लिए लाखों कि भीड़ लाल किले पर एकत्रित होती है |धन्यवाद

” जय हिन्द ” जय भारत “

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मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षिका, और मेरे सभी सहपाठियों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी यहाँ अपने राष्ट्र का 69वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं। ये हम सभी के लिये बेहद शुभ अवसर है। 1950 से, हम गणतंत्र दिवस को हर वर्ष ढ़ेर सारे हर्ष और खुशी के साथ मनाते हैं। उत्सव की शुरुआत के पहले, हमारे मुख्य अतिथि देश के राष्ट्रीय ध्वज़ को फहराते हैं। इसके बाद हम सभी खड़े होते हैं और राष्ट्र-गान गाते हैं जो कि भारत की एकता और शांति का प्रतीक है। हमारा राष्ट्र-गान महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज़ में तीन रंग और 24 बराबर तीलियों के साथ मध्य में एक चक्र है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ के सभी तीन रंगों का अपना अर्थ है। सबसे ऊपर का केसरिया रंग हमारे देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है। मध्य का सफेद रंग शांति को प्रदर्शित करता है जबकि सबसे नीचे का हरा रंग वृद्धि और समृद्धि को इंगित करता है। ध्वज़ के मध्य में 24 बराबर तीलियों वाला एक नेवी नीले रंग का चक्र है जो महान राजा अशोक के धर्म चक्र को प्रदर्शित करता है। हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि 1950 में ही इस दिन भारतीय संविधान अस्तित्व में आया था। गणतंत्र दिवस उत्सव में, इंडिया गेट के सामने नयी दिल्ली में राजपथ़ पर भारत की सरकार द्वारा एक बड़ा आयोजन किया जाता है। हर साल, इस उत्सव की चमक को बढ़ाने के साथ ही “अतिथि देवो भव:” के कथन के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक मुख्य अतिथि (देश के प्रधानमंत्री) को बुलाया जाता है। भारतीय सेना इस अवसर पर परेड के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज़ को सलामी देती है। भारत में विविधता में एकता को प्रदर्शित करने के लिये अलग-अलग राज्यों के द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक बड़ी प्रदर्शनी भी दिखायी जाती है।

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